दीवानों की हस्ती: प्रश्न और उत्तर | Diwanon Ki Hasti: Questions And Answers

by Alex Braham 76 views

Here are the question and answers for the chapter “दीवानों की हस्ती”.

Question 1: कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू’ कहकर क्यों कहा है?

दीवानों की हस्ती कविता में कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू’ कहकर इसलिए कहा है क्योंकि कवि एक स्वतंत्र और खुशमिजाज व्यक्ति हैं। वे जहाँ भी जाते हैं, खुशियाँ फैलाते हैं। उनके आने से लोगों के मन में उत्साह और उमंग का संचार होता है, इसलिए कवि अपने आने को ‘उल्लास’ कहते हैं। कवि किसी एक स्थान पर टिककर नहीं रहते। वे लगातार यात्रा करते रहते हैं। जब वे किसी स्थान से विदा लेते हैं, तो उस स्थान के लोगों को दुःख होता है। उन्हें लगता है कि उनसे कोई अपना बिछड़ रहा है। इसलिए कवि के जाने को ‘आँसू’ कहा गया है। इसके अतिरिक्त, कवि एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। वे लोगों के दुखों को देखकर द्रवित हो जाते हैं। वे लोगों के दुखों को दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब वे ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें निराशा होती है और उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं। कवि का जीवन एक बहते हुए झरने के समान है। जिस प्रकार झरने का पानी अपनी राह में आने वाली हर चीज को हरा-भरा कर देता है, उसी प्रकार कवि भी अपने जीवन में आने वाले हर व्यक्ति को खुशियाँ प्रदान करते हैं। वे लोगों के दुखों को दूर करने और उनके जीवन में खुशियाँ भरने का प्रयास करते हैं।

Question 2: भिखमंगों की दुनिया में कवि कैसा भाव लेकर आया?

भिखमंगों की दुनिया में कवि प्रेम, उल्लास और खुशी का भाव लेकर आया। कवि इस दुनिया को खुशहाल और प्रेममय बनाना चाहता है। वह लोगों के दिलों में प्रेम और सद्भाव का संचार करना चाहता है। कवि जानता है कि यह दुनिया दुखों और कष्टों से भरी है, लेकिन वह निराश नहीं होता है। वह अपने प्रेम और उल्लास से इस दुनिया को बदलने की कोशिश करता है। वह लोगों को यह सिखाना चाहता है कि जीवन में खुश रहना और दूसरों को खुश रखना कितना महत्वपूर्ण है। कवि का मानना है कि प्रेम और खुशी ही इस दुनिया को बेहतर बना सकते हैं। कवि ने दुनिया को भिखमंगों की दुनिया इसलिए कहा है क्योंकि यहाँ लोग हमेशा कुछ न कुछ पाने की इच्छा रखते हैं। वे कभी भी संतुष्ट नहीं होते हैं। वे हमेशा दूसरों से कुछ न कुछ माँगते रहते हैं। कवि इस दुनिया को बदलना चाहता है। वह लोगों को यह सिखाना चाहता है कि वे अपने पास जो कुछ भी है, उसमें खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें।

Question 3: कवि ने ‘मैं और, और जग और, कहाँ का नाता’ में ऐसा क्यों कहा है?

कवि ने ‘मैं और, और जग और, कहाँ का नाता’ इसलिए कहा है क्योंकि कवि का व्यक्तित्व और संसार के लोगों का व्यक्तित्व अलग-अलग है। कवि एक स्वतंत्र, खुशमिजाज और बेफिक्र व्यक्ति हैं। वे सांसारिक बंधनों और मोह-माया से दूर रहते हैं। वे अपने मन की सुनते हैं और अपनी मर्जी के मालिक हैं। दूसरी ओर, संसार के लोग सांसारिक बंधनों में जकड़े हुए हैं। वे धन-दौलत, मान-सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा के पीछे भागते रहते हैं। वे अपने जीवन का उद्देश्य भूल चुके हैं। कवि संसार के लोगों को उनकी भूल का एहसास दिलाना चाहते हैं। वे उन्हें यह बताना चाहते हैं कि जीवन का असली उद्देश्य खुश रहना और दूसरों को खुश रखना है। कवि का मानना है कि संसार के लोग अपनी लालसाओं और इच्छाओं के गुलाम बन चुके हैं। वे अपनी खुशियों को बाहरी चीजों में ढूंढते हैं। इसलिए वे कभी भी खुश नहीं रह पाते हैं। कवि संसार के लोगों को यह सिखाना चाहते हैं कि खुशी उनके भीतर ही है। उन्हें इसे बाहर ढूंढने की जरूरत नहीं है।

Question 4: कविता में एक पंक्ति है ‘हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले’। इस पंक्ति के आधार पर बताइये कि कवि के स्वभाव के बारे में आप क्या जान सकते हैं?

इस पंक्ति के आधार पर हम कवि के स्वभाव के बारे में निम्नलिखित बातें जान सकते हैं:

  • कवि एक घुमक्कड़ स्वभाव के हैं। वे एक स्थान पर टिककर नहीं रहते हैं। वे लगातार यात्रा करते रहते हैं। उन्हें नई-नई जगहों पर जाना और नए-नए लोगों से मिलना अच्छा लगता है।
  • कवि एक बेफिक्र व्यक्ति हैं। उन्हें किसी चीज की चिंता नहीं है। वे अपने जीवन को अपनी मर्जी से जीते हैं। वे किसी के दबाव में नहीं आते हैं।
  • कवि एक खुशमिजाज व्यक्ति हैं। वे हमेशा खुश रहते हैं और दूसरों को भी खुश रखते हैं। वे अपने आसपास के वातावरण को खुशनुमा बना देते हैं।
  • कवि एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं। वे किसी के बंधन में बंधना नहीं चाहते हैं। वे अपनी मर्जी के मालिक हैं। वे अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जीते हैं।
  • कवि एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। वे लोगों के दुखों को देखकर द्रवित हो जाते हैं। वे लोगों के दुखों को दूर करने की कोशिश करते हैं।

कवि का स्वभाव एक बहते हुए झरने के समान है। जिस प्रकार झरने का पानी अपनी राह में आने वाली हर चीज को हरा-भरा कर देता है, उसी प्रकार कवि भी अपने जीवन में आने वाले हर व्यक्ति को खुशियाँ प्रदान करते हैं। वे लोगों के दुखों को दूर करने और उनके जीवन में खुशियाँ भरने का प्रयास करते हैं।

Question 5: कविता में ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए जिनमें विपरीत अर्थ का बोध होता है?

कविता में विपरीत अर्थ वाले शब्द इस प्रकार हैं:

  • आना – जाना
  • उल्लास – आँसू
  • सुख – दुःख
  • हँसी – रुदन
  • प्रेम – घृणा

ये शब्द कविता में विपरीत परिस्थितियों और भावनाओं को दर्शाते हैं। ‘आना’ और ‘जाना’ जीवन की क्षणभंगुरता को दिखाते हैं, जबकि ‘उल्लास’ और ‘आँसू’ सुख और दुःख की भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इसी तरह, ‘सुख’ और ‘दुःख’ जीवन के दो पहलू हैं, और ‘हँसी’ और ‘रुदन’ खुशी और गम के प्रतीक हैं। ‘प्रेम’ और ‘घृणा’ दो विपरीत भावनाएँ हैं जो मानव संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन शब्दों के माध्यम से कवि जीवन की विविधताओं और विपरीतताओं को उजागर करते हैं।

Question 6: ‘हम दीवानों की क्या हस्ती है आज यहाँ, कल वहाँ चले। मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले’। पंक्ति में ‘चलना’ शब्द गतिशीलता का बोधक है। चलना शब्द से वाक्य बनाइए?

चलना शब्द से वाक्य:

  • हमें हमेशा सच के रास्ते पर चलना चाहिए।
  • गाड़ी धीरे-धीरे चल रही है।
  • बच्चों को स्कूल चलना चाहिए।
  • हमें समय के साथ चलना चाहिए।
  • नदी हमेशा चलती रहती है।

इन वाक्यों में ‘चलना’ शब्द विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त हुआ है, जो गति, प्रगति और अनुसरण को दर्शाता है। पहले वाक्य में, ‘चलना’ का अर्थ है किसी नैतिक मार्ग का अनुसरण करना। दूसरे वाक्य में, यह गति को दर्शाता है। तीसरे वाक्य में, यह किसी कार्य को करने की दिशा में आगे बढ़ने को दर्शाता है। चौथे वाक्य में, ‘चलना’ का अर्थ है समय के साथ तालमेल बनाए रखना, और पाँचवें वाक्य में, यह निरंतरता को दर्शाता है। इस प्रकार, ‘चलना’ शब्द का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है।